आज के आर्टिकल में आप Durga Ji Ke 32 Naam के बारे में जानेंगे. देवता में सबसे शक्तिशाली भगवान शिव को माना गया हैं, जबकि देवी में माँ दुर्गा जी को सबसे शक्तिशाली माना जाता हैं. माँ दुर्गा को “शक्ति” का प्रतीक माना जाता हैं और वे शक्ति, साहस एवं समर्पण की प्रतीक हैं. हिंदू धर्म में दुर्गा जी को सभी देवियों में शक्तिशाली देवी माना गया हैं और ये भगवान शिव की पत्नी हैं जिन्हें देवी पार्वती के नाम से भी जाना जाता हैं.
दुर्गा जी को सभी हिंदुओं द्वरा पूजा जाता हैं और प्रसाद चढ़ाया जाता हैं. दुर्गा जी को सबसे ज्यादा पूजा नवरात्रि के त्योहार पर विशेष रूप से की जाती हैं जिसे नवरात्रि कहा जाता हैं. यह पूजा नौ दिनों का होता हैं और इसमें भगवान दुर्गा जी के नौ रूपों का पूजा का होता हैं जिनमें चंद्रघंटा, कालरात्रि, स्कंदमाता, ब्रह्मचारिणी, शैलपुत्री, कूष्मांडा, कात्यायनी, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं. नवरात्रि के दौरान भगवान दुर्गा जी के इन नौ रूपों का पूजा नौ दिनों तक होता हैं.
इसके अलावा इस दौरान भक्त द्वरा माँ दुर्गा जी को प्रसाद चढ़ाया जाता हैं और उनसे अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. अगर आपके भक्ति में विश्वाश होता हैं तो भगवान दुर्गा जी सभी भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूरी करती हैं. आपने भी अपनी मनोकामनाएं पूरा करने के लिए दुर्गा जी से जरूर प्राथना की होगी परंतु क्या आप जानते हैं Durga Maa Ke 32 Naam क्या हैं. अगर नही, तो आईये Maa Durga Ke 32 Naam के बारे में जानते हैं.
Durga Ji Ke 32 Naam
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंडी
- शिवा
- कात्यायनी
- शाकम्भरी
- अम्बिका
- दुर्गा
- भद्रकाली
- जगद्धात्री
- अन्नपूर्णा
- भद्रकाली
- महालक्ष्मी
- प्रत्यंगिरा
- कालरात्रि
- महागौरी
- काली
- महाकाली
- गिरिजा
- कालरात्रि
- महामाया
- रौद्रा
- सिद्धिदात्री
- सिंहवाहिनी
- अपर्णा
- वाराही
- दुर्ग
- कामाख्या
- भुवनेश्वरी
- महिषासुरमर्दिनी
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
Durga Ji Ke 32 Naam Ka Jaap
- ॐ शैलपुत्र्यै नमः
- ॐ अम्बिकायै नमः
- ॐ जगद्धात्र्यै नमः
- ॐ अन्नपूर्णायै नमः
- ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः
- ॐ चंडी देव्यै नमः
- ॐ कालरात्र्यै नमः
- ॐ महागौर्यै नमः
- ॐ दुर्गायै नमः
- ॐ भद्रकाल्यै नमः
- ॐ भद्रकाल्यै नमः
- ॐ महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ शिवायै नमः
- ॐ प्रत्यङ्गिरायै नमः
- ॐ गिरिजायै नमः
- ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः
- ॐ कात्यायन्यै नमः
- ॐ शाकम्भर्यै नमः
- ॐ वाराह्यै नमः
- ॐ दुर्गायै नमः
- ॐ काल्यै नमः
- ॐ महाकाल्यै नमः
- ॐ कात्यायन्यै नमः
- ॐ सिंहवाहिन्यै नमः
- ॐ अपर्णायै नमः
- ॐ रौद्रायै नमः
- ॐ कामाक्ष्यै नमः
- ॐ भुवनेश्वर्यै नमः
- ॐ महिषासुरमर्दिन्यै नमः
- ॐ स्कंदमात्रे नमः
- ॐ कालरात्र्यै नमः
- ॐ महामायायै नमः
Durga Ji Ke 108 Naam With Meaning
- शैलपुत्री – पर्वत की पुत्री
- ब्रह्मचारिणी – ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली
- भद्रकाली – मंगलकारी काली
- जगद्धात्री – सृष्टि रचयिता
- प्रत्यंगिरा – शक्ति का प्रत्यक्ष स्वरूप
- कालरात्रि – महारात्रि का स्वरूप
- चंडिका – क्रोधावस्था में आने वाली
- जया – विजयी
- दुर्गा – संकटों से टालने वाली
- महाकाली – महाशक्ति का स्वरूप
- महालक्ष्मी – ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी
- काली – महाकाल का स्वरूप
- महाकाली – महाकाल की शक्ति
- गिरिजा – पर्वत पुत्री
- अन्नपूर्णा – अन्न से परिपूर्ण
- शिवा – मंगलकारिणी
- वाराही – वाराह अवतार
- दुर्गा – कठिनाइयों का नाश करने वाली
- महिषासुरमर्दिनी – महिषासुर का वध करने वाली
- नारायणी – नारायण की शक्ति
- पद्मा – पद्मनयनी
- महालक्ष्मी – महान ऐश्वर्य की देवी
- कालरात्रि – महारात्रि
- महामाया – महान माया का स्वरूप
- रौद्रा – रौद्र रूपधारिणी
- महागौरी – महान गौर वर्ण वाली
- कात्यायनी – कात्यायन ऋषि की कन्या
- छद्रकाली – छद्र अर्थात् आकाश में विराजमान काली
- त्रिपुरसुंदरी – त्रिपुर की सुंदरी
- शाकम्भरी – शंख धारिणी
- भद्रकाली – सौभाग्य देने वाली काली
- त्रिपुरमेखला – त्रिपुर की रानी
- महाकाली – महाकाल की शक्ति
- परमेश्वरी – सर्वोच्च ईश्वरी
- कामाख्या – कामनाओं की पूर्ति करने वाली
- भुवनेश्वरी – त्रिभुवन की ईश्वरी
- भवरोगग्निनाशिनी – संसार के रोगों को नष्ट करने वाली
- अम्बिका – माँ
- त्रिपुरभैरवी – त्रिपुर भैरव की शक्ति
- त्रिपुरा – त्रिपुर की अधिष्ठात्री
- जगत्पति – जगत के पति
- जानकी – जन्मदात्री
- कालिका – काल का स्वरूप
- देवी – सभी देवताओं की देवी
- स्कंदमाता – स्कंद की माता
- कात्यायनी – कात्यायन गोत्र से संबंधित
- भवानी – संसार की रचयिता
- कमलेक्षणा – कमल नेत्र वाली
- कमला – कमल से उत्पन्न
- कमलवासिनी – कमल में निवास करने वाली
- जगज्जननी – ब्रह्मांड की जननी
- जगत्प्रतिष्ठा – जगत की स्थापना करने वाली
- जगन्माता – जगत की माता
- ललिता – ललिता नृत्य करने वाली
- लटाङ्गी – लाटों का हार धारण करने वाली
- महाकाली – महाकाल की शक्ति
- सिद्धिदात्री – सिद्धि प्रदान करने वाली
- सिंहवाहिनी – सिंह पर सवार
- अपर्णा – पत्तों से रहित
- काला – काली
- कट्यायनी – कात्यायन गोत्र से संबंध
- कालहंत्री – काल को नष्ट करने वाली
- मातङ्गी – सुगंधित माला धारण करने वाली
- इंद्री – इन्द्र की शक्ति
- ममता – प्रेम और दया की देवी
- कनकधारा – सुवर्ण धारा के समान कांतिमान
- लक्ष्मी – समृद्धि और सौभाग्य की देवी
- मंगला – मंगलकारिणी
- महामाया – महान माया का स्वरूप
- महासरस्वती – महान सरस्वती
- प्रभावती – प्रभा अर्थात आकर्षण का स्वरूप
- रौद्रा – रौद्र रूपधारिणी
- महारौद्री – महारौद्र स्वरूपा
- महाविद्या – महाविद्या की देवी
- राधा – सबका आह्लाद करने वाली
- रानी – रानी
- रमणी – आनंद प्रदायिनी
- पद्मावती – पद्मासना
- पद्मिनी – पद्मगर्भ सम्बन्धी
- परमेश्वरी – सर्वोच्च ईश्वर की शक्ति
- रौद्रमूर्ति – रौद्र मूर्तिधारिणी
- रौद्राक्षी – रौद्र आँखों वाली
- रक्तदंतिका – रक्त वर्ण के दांत वाली
- रक्तबीजा – रक्त बीज से उत्पन्न
- शांता – शांति स्वरूपा
- शारदा – सर्व कल्याणकारिणी
- रसेन्द्रतनया – रस और इंद्र की कन्या
- रतिरूपा – प्रेम स्वरूपा
- रुक्मिणी – सौंदर्यमयी
- शिवा – मंगलकारिणी
- सर्वमंगला – सर्व मंगलकारिणी
- त्रिपुरसुंदरी – त्रिपुर की सुंदरी
- स्वर्गलक्ष्मी – स्वर्ग की लक्ष्मी
- श्री – धन-समृद्धि की देवी
- सौभाग्यदायिनी – सौभाग्य प्रदान करने वाली
- सरस्वती – ज्ञान की देवी
- रोहिणी – रोहण करने वाली
- शरच्चंद्रनिभा – चंद्रमा के किरणों से सुशोभित
- सती – सतीत्व की प्रतीक
- त्रिपुरा – त्रिपुर की रहने वाली
- त्रिपुरेश्वरी – त्रिपुर की ईश्वरी
- चित्रा – चित्रित, मनोहारी
- त्रिनयना – तीन नेत्र वाली
- सुमुखी – सुंदर मुख वाली
- सुषमा – कोमल, मधुर स्वभाव वाली
- त्रिपुराम्बा – त्रिपुर की माँ
- लालिताम्बा – प्यारी माँ
- माता – माँ
Durga Ji Ke 32 Naam Se Related FAQ
दुर्गा जी के कितने बच्चे हैं?
दुर्गा जी 2 बच्चे हैं जिनके नाम गणेश जी और भगवान कार्तिकेय हैं.
नौ देवी कौन हैं?
नौ देवी शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, स्कंदमाता, महागौरी, चंद्रघंटा, कालरात्रि, कूष्मांडा, कात्यायनी और सिद्धिदात्री हैं.
दुर्गा जी के कितने नाम हैं?
दुर्गा जी के 108 नाम हैं.
दुर्गा जी के कितने पति हैं?
दुर्गा जी के एक ही पति हैं और उनका नाम महादेव हैं.
Conclusion
आज के आर्टिकल द्वरा आपने Durga Ke 32 Naam और 108 नाम सहित 9 देवियों के बारे में जाना हैं. मुझे उम्मीद हैं आपके लिए ये आर्टिकल उपयोगी साबित जरूर हुआ होगा. सभी देवियों में दुर्गा जी एक महत्वपूर्ण देवी हैं जिनकी महिमा पूरी दुनिया जानती हैं. दुर्गा जी राक्षसों का संहार करने के लिए जानी जाती हैं और इन्होंने कई शक्तिशाली राक्षसों का संहार किया हैं. दुर्गा जी को सभी शक्तियों की देवी हैं और वे सभी देवताओं की रक्षा एवं संकटों से बचाती हैं. दुर्गा जी एक शक्तिशाली देवी होने के साथ यह दयालु देवी भी मानी जाती हैं. अगर आप भी माता दुर्गा जी सच्चे भक्त हैं तो इस आर्टिकल को सभी के साथ शेयर जरूर करे.